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शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

बाल श्रम पर लगे रोक

आज बाल श्रम पर रोक के लिए कानून बना हुआ है, लेकिन बचपन के सौदागरों का कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रहा है. हज़ारों, लाखों गरीब बच्चे जो 8-15 वर्ष के हैं बाल मजदूरी कर रहे हैं। यह काम दुकानों, होटलों, खेतों में बोझा ढ़ोने में चल रहा है पर प्रशासन इसे रोक पाने में असमर्थ है। शादी के मौके पर यह बच्चे प्लेट धोने से पानी पिलाने का काम करते हैं। सर पर लाइट ढोने जैसे भारी और जानलेवा काम कर रहे हैं पर सरकार का कोई भी कानून इस पर रोक लगाने में असमर्थ है जिससे बच्चे मानसिक तौर पर विकलांग हो रहे हैं। उनके बचपन का शोषण हो रहा है वो स्कूल से वंचित हो रहे हैं। उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है. जिस उम्र में बच्चे खेलते-कूदते हैं और पढ़ते हैं, उस उम्र में उनसे कठोर से कठोर काम लिए जाते हैं। सरकार को इस पर कठोर कानून बनाकर इसे पूरी तरह से ख़त्म करना होगा, जिससे बच्चों का बचपन ना छीने और वे आगे जाकर देश और समाज में अपना योगदान दे सकें।

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